नवरात्रि विशेष : अनीता की रसोई से फलाहारी व्यंजन की थाली

1. व्रत की पकौड़ी वाली कढ़ी
सामग्री
कच्चे आलू – दो मध्यम आकार के
कुट्टू या सिंघाड़े का आटा – दो टेबलस्पून
कढ़ी पत्ता – 8-10
साबुत लालमिर्च – 2
घी – दो छोटे चम्मच
हरी मिर्च – 2
पिसी कालीमिर्च – चौथाई छोटा चम्मच
जीरा – चौथाई छोटा चम्मच
हींग – एक चुटकी
अदरक – एक टुकड़ा
कटा हरा धनिया – एक टेबलस्पून
दही – 200 ग्राम
तेल – तलने के लिए
सेंधानमक – स्वादानुसार
विधि
दही को मिक्सर में चलाते हुए मठ्ठा बना लें।
चलाते समय इसमें एक टेबलस्पून कुट्टू या सिंघाड़े का आटा डाल दें। दोनों अच्छे से मिल जाएंगे।
अब आलुओं को किस लें और पानी से हाथ से मसल कर धो लें ताकि स्टार्च निकल जाए।
अब इसे हाथ से भलीभांति निचोड़कर एक बाउल में रखें व इसमें एक कटी हरीमिर्च, किसा अदरक, नमक व बचा हुआ एक टेबलस्पून कुट्टू या सिंघाड़े का आटा मिला दें।
फिर कड़ाही में तेल गर्म कर छोटी छोटी पकौड़ियां बना लें।
इसके बाद कड़ाही से तेल कम कर हींग, जीरा व पिसी कालीमिर्च डालकर मठ्ठे वाला घोल डाल दें व उबाल आने तक बराबर चलाते रहें। यदि आपको अधिक गाढ़ा लगे तो उसमें आधा कटोरी पानी डाल दें।
उबाल आने पर आलू वाली पकौड़ियां व नमक डाल पांच सात मिनट पकने दें। अब गैस बंद कर हरा धनिया डालें।
एक पैन में घी गर्म कर, दो लाल मिर्च तोड़कर डालें व कढ़ी पत्ता डाल कर ऊपर से कढ़ी में छौंक लगा दें व गर्म गर्म कढ़ी समा के चावलों के साथ परोसें।
नोट
– पिसी लालमिर्च यदि व्रत में इस्तेमाल करते हों तो डाल सकते हैं।
– आलू के स्थान पर लौकी भी ले सकते हैं।
2. पनीर की खीर
सामग्री
दूध – एक लीटर
पनीर – 150 ग्राम
पिसी हरी इलाइची – 4-5
बादाम – 20-25
काजू – 20-25
चिरौंजी – दो टीस्पून
चीनी – एक छोटी कटोरी
विधि
सर्वप्रथम बादाम व काजू को भिगो दें फिर आधे बादाम व आधे काजू का पेस्ट बना लें।
अब दूध को उबालें और जब लगभग 0.750 (पौन) लीटर रह जाए तब 100 ग्राम पनीर को छोटे छोटे टुकड़ों में काट कर व बचे हुए 50 ग्राम पनीर को हाथ से मैश कर या किस कर दूध में डाल धीमी आंच पर पकने दें।
थोड़ी देर बाद काजू बादाम पेस्ट डाल थोड़ा गाढ़ा होने दें तब चीनी डालकर तीन मिनट तक और पकाएं।
फिर गैस बंद कर बचे हुए काजू, बादाम काट कर व चिरौंजी व पिसी इलाइची को डालें।
इस खीर को फ्रिज में ठंडा कर परोसें।
3. अरबी (घुइयां) की व्रतीय सब्ज़ी
सामग्री
अरबी (घुइयां) – 500 ग्राम
हरीमिर्च – 12-15
अजवाइन – चौथाई टीस्पून
हींग – एक चुटकी
मूंगफली दाना – एक टेबलस्पून
नीबू – 1
तेल – एक चम्मच
सेंधानमक – स्वादानुसार
विधि
सबसे पहले अरबी धोकर उबाल लें (बहुत ना गलने दें), फिर छील लें व गोल टुकड़ों में काट लें।
मूंगफली दानों को पैन में बिना घी के भूनें और ठंडा करके हाथ से मसल कर छिलकों को उतार दें फिर दरदरा पीस लें।
हरी मिर्च को भी बिना पानी डाले दरदरा(बहुत मोटा नहीं) पीसें।
अब कढ़ाई में तेल गर्म कर हींग व अजवाइन डालें चटकने पर हरीमिर्च, अरबी व नमक डाल मिलाकर धीमी आंच पर 8-10 मिनट भूनें (अरबी करारी होने तक)।
भुन जाने पर पिसी मूंगफली डाल नीबू निचोड़ कर दो तीन मिनट और भूनें
इस सब्ज़ी को कुट्टू या सिंघाड़े के आटे की पूड़ी या पराठे के साथ परोसें।
नोट
हरीमिर्च की मात्रा तीखी होने के हिसाब से कम या ज़्यादा कर लें।
इस सब्ज़ी को मूंगफली के दानों के बगैर भी बना सकते हैं।
4. समा के चावल की कचौड़ी
सामग्री
समा के चावल – 100 ग्राम
उबले आलू – 2
पिसी कालीमिर्च – आधा टीस्पून
सेंधानमक – स्वादानुसार
हरीमिर्च – 2
कटा हरा धनिया – एक टेबलस्पून
किसा अदरक – एक टी स्पून
कुट्टू या सिंघाड़े का आटा – दो टीस्पून
तेल – तलने के लिए
विधि
समा के चावलों को साफ कर अच्छी तरह धोकर दो तीन घंटे भिगो दें फिर पानी से निकाल मिक्सी में गाढ़ा गाढ़ा पीस लें।
अब पैन में पिसे चावलों को डालकर बराबर चलाते हुए गुंथे आटे जैसा पकाएं।
फिर एक पैन में निकालकर एक टीस्पून तेल, सेंधानमक व कुट्टू या सिंघाड़े का आटा डाल मसलते हुए गेंहू के आटे जैसा एकसार कर लें व ढँक कर रख दें।
आलू मैश करें और उनमें हरा धनिया, हरीमिर्च, किसा अदरक, सेंधानमक व कालीमिर्च डाल मिला लें। अब कढ़ाई में तेल लेकर गर्म कर हाथ पर चावल के आटे की कटोरी जैसी बनाकर उसमें आलू का मिश्रण भर हल्के हाथ से बंद कर दें और हथेली से दबाकर उसका आकार बढ़ा तेल में डाल सेक लें।
नोट
इसी प्रकार प्लेन पूड़ी भी बना सकते हैं।
यदि हाथ से बनाने में दिक्कत आए तो पॉलीथिन में घी लगा कर पापड़ की तरह बनाएं और हल्के से तेल में छोड़ दें।
5. साबूदाना बड़ा
सामग्री
आलू – 4
मीडियम वाला साबूदाना – 100ग्राम
पिसी कालीमिर्च – आधा चम्मच छोटा
सेंधानमक – स्वादानुसार
मूंगफली दाना – आधा कटोरी
हरीमिर्च – 2
कटा हरा धनिया – एक टेबलस्पून
तेल – तलने के लिए
विधि
साबूदाने को दो घंटे पहले धोकर भिगो लें।
आलू उबाल कर छीलें व ठंडे हो जाने पर मैश कर लें या किस लें।
साथ ही मूंगफली दानों को पैन में बिना घी के भून लें और ठंडे हो जाने पर हाथ से मसल कर छिलके निकाल दें व दानों को दरदरा पीस लें।
अब एक बाउल में आलू, साबूदाना, कालीमिर्च, हरीमिर्च काटकर, सेंधानमक और पिसी मूंगफली अच्छी तरह मिला लें।
फिर तेल गर्म कर इनकी गोल टिक्की जैसे आकार की बना कर तल लें।
अब इसे व्रतीय चटनी के साथ परोसें।
नोट
इन बड़ों को शैलो फ्राई भी किया जा सकता है व अप्पेमेकर में कम घी में भी सेंका जा सकता है। शैलो फ्राई व अप्पेमेकर में 12-15 मिनट लगते हैं व इनको ढ़क कर पकाना होगा।
लालमिर्च खाते हों तो वह भी डाल सकते हैं।
6. फलाहारी दही बड़ा
सामग्री
समा के चावल – एक कटोरी
मीडियम साइज का साबूदाना – 1 टेबलस्पून
सेंधानमक – स्वादानुसार
भुना पिसा जीरा – एक टी स्पून
दही – 250 ग्राम
हरीमिर्च – 1
अदरक – 1 टुकड़ा किसा हुआ
तेल या घी – तलने के लिए
सिंघाड़े या कुट्टू का आटा – एक टीस्पून
किशमिश – 15-20
विधि
समा के चावल व साबूदाना अच्छी तरह साफ कर हल्का भून लें (ब्राउन नहीं करना है बस नमी निकल जाए) फिर ठंडा कर के मिक्सी में पीसकर पावडर बना लें।
हरीमिर्च बारीक काटें व अदरक को महीन किस लें।
अब पावडर को थोड़े से पानी में घोलकर पैन में घी या तेल गर्म कर उसमें घोल व कुट्टू या सिंघाड़े का आटा व सेंधानमक डाल लगातार चलाते हुए गाढ़ा (गुंथे आटे जैसा) कर लें।
अब इसे थाली में निकाल कर हथेलियों में घी लगा अच्छी तरह गूंथ लें ताकि एकसार हो जाए।
फिर गर्म ही इसकी छोटी गोलियां बना कर उसमें एक किशमिश, कटी हरीमिर्च, अदरक का छोटा सा टुकड़ा भरते हुए बंद कर चपटा करें।
इसी तरह सभी गोलियों को भर चपटा कर फ्राई कर लें। जब परोसना हो तब पांच मिनट पहले पानी में भिगोएं।
नोट
यदि तला ना खाएं तो अप्पेमेकर में हल्के घी में भी सेंक सकते हैं।
7. मीठी चटनी
सामग्री
इमली – 100 ग्राम
गुड़ या चीनी – 150 ग्राम
पिसी कालीमिर्च – आधा टीस्पून
भुना पिसा जीरा – आधा टीस्पून
साबुत जीरा – चौथाई चम्मच
हींग – 1 चुटकी
किसा अदरक – दो टीस्पून
किशमिश – 15-20
घी – एक टीस्पून
सेंधानमक – स्वादानुसार
विधि
इमली को गुनगुने पानी में एक घंटा पहले भिगो दें फिर उसको छन्नी से हाथ से अच्छी तरह मसल कर छान लें।
अब पैन में घी गर्म करें उसमें जीरा व हींग डाल दें।
जीरा चटकने पर इमली का गूदा, गुड़ या चीनी, कालीमिर्च, भुना जीरा व नमक डाल आधा गिलास पानी मिलाकर उबालें।
जब उबाल आ जाए तब अदरक व किशमिश डाल कर गाढ़ा करें फिर आंच से उतार लें।
नोट
यदि व्रत में लालमिर्च इस्तेमाल करते हों तो वह भी डाल सकते हैं।
8. खोये व नारियल बुरादे की बर्फी
सामग्री
खोया – 250 ग्राम
नारियल बुरादा – 200 ग्राम
शक्कर बूरा – 150 ग्राम
काजू – 10-12
बादाम – 10-12
हरी इलाइची – 4-5
दूध – आधा कप
विधि
सर्वप्रथम नारियल बुरादे को हल्का भून लें व इलाइची पीस लें।
अब पैन में दूध लेकर गर्म करें और उबाल आने तक खोया डालकर चलाते हुए एकसार गाढ़ा कर लें।
फिर नारियल बुरादा, बूरा व पिसी इलाइची डालकर जमने जैसा गाढ़ा कर लें। अब थाली में हल्का घी लगाकर उसमें पलट दें और कलछी से दबाकर सेट कर दें।
अब ऊपर से मेवा डालकर कलछी से एक बार और दबा दें ताकि मेवा अच्छी तरह चिपक जाए।
आधे घंटे बाद ठंडा होने पर पीसेस में काट लें।
9. लौकी की खीर
सामग्री
लौकी – एक मध्यम
दूध – डेढ़ लीटर
हरी इलाइची – 4-5
चीनी – एक छोटी कटोरी
किशमिश – 20-25
चिरौंजी – आधा टेबलस्पून
विधि
लौकी को छीलकर किस लें व दूध को इतना उबालें कि वह एक लीटर रह जाए।
अब लौकी को हाथ से अच्छी तरह निचोड़ उसका पानी निकाल दूध में डाल लौकी गल जाने तक पकाएं।
पक जाने पर चीनी, किशमिश, चिरौंजी डाल चीनी गलने तक पका लें।
आपकी खीर तैयार है इसे ठंडी या गर्म अपनी रुचि के अनुसार परोसें।
नोट
लौकी में यदि बीज मोटे हों तो उनको निकाल कर ही किसें।
10. व्रत का नमकीन
सामग्री
मखाने – एक बड़ी कटोरी
मूंगफली दाना – एक छोटी कटोरी
बड़ा साबूदाना (तलने वाला) – एक छोटी कटोरी
कच्चे आलू – 2 बड़े आकार के
लंबाई में कटी हरीमिर्च – 3
मोटा कटा हराधनिय – एक टेबलस्पून
मीठी नीम – 10-15 पत्ते
पिसी कालीमिर्च – एक टीस्पून
छोटे टुकड़ों में कटा हुआ सूखा गोला( नारियल) – आधा
घी – तलने के लिए
विधि
सबसे पहले कच्चे आलूओं को कद्दूकस की मोटी साइड से किस लें और मसल कर पानी से धो लें ताकि स्टार्च निकल जाए। अब उसे एक कपड़े या रुमाल पर रखकर दबा दबाकर सारा पानी सुखा लें।
एक कढ़ाई में घी गर्म करें और थोड़े थोड़े आलू डाल भूरे होने तक तल लें। आलू लच्छा तैयार हो जाएगा।
अब मखाने, मूंगफली, साबूदाना भी तल लें। सूखे नारियल के टुकड़ों को भी तल लें। फिर घी में हरीमिर्च भी करारी होने तक तल लें। धनिया व मीठी नीम को भी तल लें।
अब सबको एक बड़े बर्तन में रखकर सेंधानमक, पिसी कालीमिर्च व हरी तली मिर्च मिला कर हरा धनिया व मीठी नीम को हाथ से मसल कर डाल दें।
आपका व्रतीय नमकीन तैयार है।
नोट
मखाने और मूंगफली को कढ़ाई में बिना घी के भी रोस्ट कर सकते हैं और ऐच्छिक मेवा जैसे काजू-बादाम भी डाल सकते हैं।
11. आलू का चीला
सामग्री
आलू – 2 मध्यम आकार के
कुट्टू का आटा – 1 टेबलस्पून
पिसी लाल मिर्च – चौथाई छोटा चम्मच
पिसी कालीमिर्च – चौथाई छोटा चम्मच
भुना पिसा जीरा – आधा छोटा चम्मच
हरी मिर्च – 1
हरा धनिया – थोड़ा सा कटा हुआ
सेंधा नमक – स्वादानुसार
विधि
सर्वप्रथम आलू छील कर किस लें और बाउल में पानी लेकर हाथ से मसल कर धो लें ताकि स्टार्च निकल जाए। अब इसे छन्नी पर रख कर छाने और हाथ से दबा दबा कर सारा पानी निचोड़ लें।
अब एक बाउल में किसा आलू, कुट्टू आटा, नमक, लालमिर्च, पिसी कालीमिर्च, भुना पिसा जीरा मिलाएं।
फिर इसे तवे या पैन पर हल्का घी डालकर चम्मच की सहायता से फैलाकर धीमी आंच पर सेकें।
एक तरफ सिक जाने पर पलटें व दूसरी तरफ से भी सेक लें फिर थोड़ा घी लगाकर दोनों तरफ से थोड़ा खरा होने तक मध्यम आंच पर सेंक चटनी के साथ परोसें।
चटनी
सामग्री
दही – 2 बड़े चम्मच
हरीमिर्च – 3
हराधनिया – एक टेबल स्पून
कढ़ी पत्ता- 10-12
भुना जीरा – आधा टी स्पून
साबुत लालमिर्च – 2
हींग – 1 चुटकी
सेंधानमक – स्वादानुसार
विधि
धनिया, मिर्च, नमक, भुना जीरा मिलाकर पीस लें, फिर दही फेंटकर इसमें मिला दें।
अब एक पैन में एक छोटा चम्मच घी गर्म कर उसमें हींग, साबुत मिर्च तोड़कर डाल व कढ़ीपत्ता डाल हल्का फ्राई कर उपरोक्त जो धनिया मिर्च व फेंटा दही का मिश्रण में मिला दें। आपकी स्वादिष्ट चटनी तैयार है।
नोट
चीले में दो छोटे चम्मच मूंगफली भून कर व पीसकर डाली जा सकती है।
हींग यदि आप व्रत में इस्तेमाल कर सकते हैं तभी डालिए।
12. कच्चे केले की व्रत वाली सब्ज़ी
सामग्री
कच्चे केले – 2
कटी हरीमिर्च – 2
कटा हराधनिया – आधा टेबलस्पून
जीरा – चौथाई छोटा चम्मच
हींग – एक चुटकी
पिसी कालीमिर्च – चौथाई छोटा चम्मच
सेंधानमक – स्वादानुसार
फेंटा हुआ दही – एक छोटी कटोरी
तेल या घी- एक टेबलस्पून
विधि
कच्चे केलों को छील व धोकर गोल गोल काट लें।अब कुकर में तेल गर्म कर हींग जीरा डालें चटकने पर कटी हरीमिर्च डाल हल्का भूनें ।अब इसमें पिसी काली मिर्च डाल तुरंत ही केले के टुकड़ों को डाल हल्का चलाएं व आधा छोटा गिलास पानी और सेंधा नमक इसमें छोड़ एक सीटी लें।
स्टीम निकल जाने के बाद फेंटा हुआ दही डाल चमचे से बराबर चलाते हुए उबाल आने तक पका लें।अब हराधनिया डाल गैस बंद कर दें।आपकी केले की सब्जी तैयार है।
13. व्रत वाली आलू की सब्ज़ी
सामग्री
उबले आलू – 5 बड़े आकार के
दही – एक कटोरी ( हल्का खट्टा)
पिसी कालीमिर्च – एक छोटा टीस्पून
सेंधानमक – स्वादानुसार
कटी हरीमिर्च – 3
कटा हराधनिया – एक टेबलस्पून
जीरा – आधा टीस्पून
हींग – एक चुटकी
कुट्टू का आटा- एक टेबलस्पून
साबुत लालमिर्च – 2
घी – एक टेबलस्पून
विधि
उबले 4 आलुओं को छीलकर तोड़ लें, थोड़े मोटे टुकड़े भी रहने दें, एक आलू को महीन मैश कर लें।
अब दही को मिक्सी में चलाकर मठ्ठा बना लें व इसमें कुट्टू का आटा डाल चला लें दही में अच्छे से मिक्स हो जाए।
कुकर में घी डाल उसमें हींग, जीरा, लालमिर्च तोड़कर डालें फिर कालीमिर्च डाल कर आलू डालें और चलाएं।
अब एक गिलास पानी और मठ्ठा जिसमें कुट्टू का आटा मिलाया था डाल उबाल आने तक चलाते रहें वरना दही फट जाएगा।
उबाल आने पर सेंधानमक डाल कुकर का ढ़क्कन बंद कर स्टीम बना लें पर सीटी ना लें। स्टीम निकल जाने पर कटा हरा धनिया डाल दें।
आपकी व्रत की सब्ज़ी तैयार है।
नोट
रसा (शोरबा) ज़्यादा लगे तो पका कर कम कर लें।
पिसी लाल मिर्च खाते हों तो वह भी डाल सकते हैं।
14. निशास्ता वाला दूध
यह दूध बहुत एनर्जी देता है। यदि आप व्रत में सिर्फ फलाहार करते हैं तो फल के साथ यह दूध लें थकान या कमज़ोरी महसूस नहीं होगी। इसे व्रत ही नहीं सामान्य दिनों में भी ले सकते हैं।
निशास्ता सामग्री
पोस्तादाना – दो टेबलस्पून
काजू – 20-25
बादाम – 20-25
पिस्ता – 15-20
हरी इलाइची – 8-10
खरबूजे के छिले बीज – आधा टेबलस्पून
कद्दू के छिले बीज – आधा टेबलस्पून
तरबूज के छिले बीज – आधा टेबलस्पून
देसी घी – एक टेबलस्पून
शक्कर बूरा – एक टेबलस्पून
विधि
पोस्तदाना, काजू,बादाम, पिस्ता, खरबूजे, तरबूज व कद्दू के बीज रात में अलग अलग भिगो दें। सुबह बादाम पिस्ता व हरी इलाइची छील लें और सबका पानी निकाल पेस्ट सा बना लें।
अब पैन में घी गर्म कर सारा पेस्ट डाल धीमी आंच पर भूने। गुलाबी हो जाने पर बूरा डाल चलाएं। बूरा पानी छोड़ेगा इसलिये बराबर चलाते हुए थोड़ा और पकाएं।
जब पेस्ट गाढ़ा हो जाए (घी उतराने लगेगा) तब गैस बंद कर ठंडा कर कांच के जार या बाउल में रख फ्रिज में रखें।
और जब दूध पिएं तब एक चम्मच निशास्ता मिलाकर पिएं। यदि मीठा कम लगे तो चीनी मिला लें।
नोट
यदि सारी सामग्री को सिल बटने से पीस सकते हैं तो उसी से पीसें। सिल पर पीसने से इसकी तासीर ज्यादा ताकतवर होती है।
यह दूध यदि बच्चों को दे रहे हैं तो निशास्ता में 15-20 दक्षिणी मिर्च (सफ़ेद मिर्च) मिला लें। इससे आखों व मस्तिष्क को ताकत मिलती है।
बच्चों को एक सेव के साथ यह दूध देनें से वह दिनभर ऊर्जित रहेंगे।
सर्दियों में इस दूध में एक चुटकी केसर डालें।
15. व्रत वाला डोसा – आलू पनीर भुर्जी – चटनी
डोसे के लिए सामग्री
समा के चावल – एक कटोरी
साबूदाना (मध्यम आकार)- एक कटोरी
दही- आधा कटोरी
सेंधानमक- स्वादानुसार
घी- सेकने के लिए
विधि
समा के चावल व साबूदाना साफ करके रात में भिगो दें। सुबह छन्नी पर रख सारा पानी निथार दें। अब चावल व साबूदाना को दही मिलाकर महीन पीस आधा घंटा रख दें।
नानस्टिक तवे को अच्छे से गर्म करें,घोल में सेंधा नमक मिला कर तवे पर हल्का सा घी लगाएं और पानी का छींटा डाल कर कपड़े से पोछ दें।
अब घोल को चमचे से डोसे की तरह गोलाई से फैलाएं व हल्का सा चारों ओर घी छोड़ सिकने दें।
जब डोसा हल्का सा ब्राउन हो जाए और तवे से खुद ही छुटने लगे तब आलू पनीर भुर्जी बीच में रखकर डोसे की तरह फोल्ड करें और चटनी के साथ सर्व करें।
नोट
पीसते समय यदि दो एक साबूदाने के दाने साबुत रह जाएं तो वह रह जाने दें।
यदि घोल गाढ़ा लगे तो थोड़ा पानी मिला लें।
आलू पनीर भुर्जी
सामग्री
उबले आलू- 3
किसा हुआ पनीर – एक छोटी कटोरी
कटी हरीमिर्च- 2
घिसी हुई अदरक- दो टीस्पून
नीबू- 1
जीरा- चौथाई टीस्पून
पिसी कालीमिर्च- चौथाई टीस्पून
हींग- एक चुटकी
साबुत लालमिर्च- 2
सेंधानमक- स्वादानुसार
कड़ीपत्ता- 8-10
तेल या घी- एक टेबलस्पून
विधि
सबसे पहले आलू छोटे टुकड़ों में तोड़ लें अब पैन में घी या तेल गर्म कर हींग,जीरा व साबुत लाल मिर्च तोड़ कर डाल दें।चटकने पर कटी हरीमिर्च, घिसा अदरक, कड़ी पत्ता डाल हल्का फ्राई कर लें।
अब इसमें कालीमिर्च ,आलू और पनीर डाल मिलाएं फिर सेंधानमक डाल तीन चार मिनट भूनें।फिर गैस बंद कर नीबू का रस व हरा धनिया मिला कर डोसे में भर सर्व करें।
डोसे वाली व्रतीय चटनी
सामग्री
ताज़ा नारियल – आधा
दही – आधा कटोरी
हरीमिर्च – 4
कटा हराधनिया – दो टेबलस्पून
भुना मूंगफली दाना – चौथाई कटोरी
कड़ीपत्ता – 10-12
साबुत लालमिर्च – 2
हींग – एक चुटकी
घी – एक टीस्पून
विधि
सबसे पहले नारियल छोटे छोटे टुकड़ों में काट लें। अब मिक्सर में नारियल टुकड़े, दही, मूंगफली दाना, हराधनिया व हरीमिर्च डाल पीस कर बाउल में निकाल लें।
अब एक पैन में घी गर्म कर 10-12 कड़ीपत्ता, लालमिर्च व हींग डाल कर चटनी में छौंक लगा दें।
आपकी चटनी तय्यार है इसे डोसे के साथ परोसें।
नोट- यदि राई इस्तेमाल करते हैं तो वह भी छौंक में डाल सकते हैं।
– अनीता वर्मा
अन्नपूर्णा : जिसके वक्षों का अमृत कभी सूखता नहीं, रसोई का रस उसी से है