Category: March (Fifth) 2019
नायिका – 23 : तीन शब्दों का जादू
उन तीन लफ़्ज़ों को लेकर घर लौटी… सिर दर्द का बहाना बनाकर औंधे मुंह लेटी रही… 2 घंटे निकल गये… शायद यकीन न आये तुमको लेकिन अपनी 33 साल की उम्र में हज़ारों बार ये शब्द कहे होंगे और सुने होंगे लेकिन ऐसा पहली बार हुअ कि मेरे कहने से
Read Moreअर्जुन – 3 : ख्यालों के पुलाव नहीं होते पात्र
और ये हर बार तुम अज्ञेय सी क्लिष्ट भाषा में बात क्यों करने लगते हो. क्यों उपन्यास की गुणवत्ता में भाषा का कोई सहयोग नहीं होता? तुम्हारा मतलब है प्रेमचंद और गुरुदत्त अच्छे उपन्यासकार नहीं थे? मैंने ये तो नहीं कहा… भाषा ऐसी हो जो सबको समझ आए… प्रेमचंद पढ़ने
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