अजित उवाच : Depression की आग पर पानी डालिए, इससे पहले कि सबकुछ जला के भस्म कर दे

क्या आप भी हमेशा तनाव में रहते हैं? ये depression का प्रारम्भिक लक्षण है। तुरंत गूगल कीजिये। Depression के लक्षण पढ़िए। अगर 4-5 लक्षण भी मिलते हैं तो समझ लीजिये चिंगारी है, जो अन्दर अन्दर सुलग रही है। ये कभी भी दावानल बन सकती है। Depression को नज़रअंदाज करना जानलेवा हो सकता है। इस अन्दर अंदर सुलगती आग पर पानी डालिए, इससे पहले कि ये सब कुछ जला के भस्म कर दे।
१) सबसे पहले Exercise, भाग दौड़, खेल कूद, walking… जब आप दौड़ते भागते हैं तो Blood सर्कुलेशन बढ़ता है और तनाव के कारण शरीर में पैदा हुए hormonal imbalance को दूर करता है.
२) योग – प्राणायाम शुरू कीजिये तुरंत, ये समझ लीजिये कि आपका फायर ब्रिगेड है। किसी भी आग को मिनटों में बुझाता है, चमत्कारिक results हैं इसके।
३) जीवन शैली बदलिए, भाड़ में जाए दुनियादारी, लात मारो उसको, काम धंधे नौकरी परिवार से लम्बी छुट्टी लो, घूम के आओ, पैसे नहीं है तो shoe string tourism ही करो, फोकटिया भ्रमण। साले को रेल में बिना टिकट घूमो, गुरुद्वारे मंदिर का लंगर खाओ, जाओ देस दुनिया घूमो, EMI पे जो कार और फ्लैट लिए हो बेच दो साले को, सोच बदलिए, अबे ख़ुदकुशी करने से तो बेहतर है।
४) एक होमियोपैथी की दवाई है, Alpha TS, उसको आधे कप पानी में 4 बूँद दिन में 4 बार लेना शुरू कीजिये। एकदम चमत्कारिक रिजल्ट है। जादू सा काम करती है। मैंने सैकड़ों लोगों को बताई है, सबने कहा कि भैया ऐसा काम किया जैसे किसी ने जादू कर दिया हो। किसी भी होमियोपैथी स्टोर में मिल जाती है।
५) मकान हो, चाहे पेड़ हो, या लैंड स्लाइड हो, यूँ ही अचानक नहीं ढह जाता, गिरने से पहले आवाज़ करता, बाकायदे शोर करता है, जोर से आवाज़ करता है। अपने इर्द गिर्द लोगों, पशु पक्षियों को गिरने से पहले बाकायदे चेतावनी देता है। समझदार लोग बच के भाग जाते हैं, मूर्ख दब के मर जाते हैं।
इसी तरह तनाव Depression भी चेतावानी देता है, अपने इर्द गिर्द नज़र दौड़ाइए, आपके खुद के अन्दर या आपके घर परिवार, मित्र, सहकर्मी, आस पड़ोस किसी व्यक्ति में तनाव Depression के लक्षण हैं क्या? तुरंत मेडिकल हेल्प लीजिये। मेडिकल हेल्प माने अस्पताल। हर अस्पताल में मनोरोग विभाग होता है, वहाँ Psychiatrist से मिलिए। वो आपको कुछ बेहद साधारण सी दवा देगा। आप सिर्फ एक हफ्ते या दस दिन में भले चंगे हो जायेंगे।
SP साहब की बीबी खुद डॉक्टर थी, उनके ससुर जी भी डॉक्टर थे। वो दोनों अपने पति / दामाद के भयंकर तनाव के लक्षणों को पह्चान न पाए? आदमी यूँ ही ख़ुदकुशी नहीं कर लेता। ये depression की अंतिम स्टेज होती है। उन्होंने प्रारम्भिक लक्षण तो 6 महीने पहले देने शुरू कर दिए होंगे। उनकी बीवी जो खुद एक क्वालिफाइड डॉक्टर है, दिन रात उनके साथ रहती है, वो उनके depression को पढ़ क्यों न पायी, उनका इलाज क्यों न कराया?
keep your eyes open… अपने इर्द गिर्द झांकिए… खुद के अन्दर झांकिए… एक कीमती जान बचाइये!!!
– अजित सिंह (संस्थापक उदयन स्कूल)
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