सूरज का प्रेम

प्रेम पर न जाने कितनी ही फ़िल्में बनी हैं लेकिन सूरज ने प्रेम को एक स्थायी चरित्र बना दिया, वो हर फिल्म में प्रेम ही रहा और उसने अपने इस चरित्र को बखूबी निभाया भी।
जी हाँ हम बात कर रहे हैं सलमान की, जिनका ज़िक्र बाद में आता है उसके पहले उनकी असफल प्रेम कहानियाँ पहले चली आती हैं।
सलमान, जिनके जीवन में बहुत सारी लड़कियां आई लेकिन उनके जीवन में कोई ठहर न सकी। ठहर सकती भी नहीं थी। सलमान का जीवन पहाड़ की चढ़ाई जैसा कठिन है जहाँ से वो खुद कभी भी फिसल सकते हैं। ये अलग बात है कि मुझे पूरा यकीन है वो कभी फिसलेंगे भी नहीं। क्योंकि कुछ लोगों के सर पर पिछले जन्मों की तपस्या का पुण्य आशीर्वाद रहता है। इसलिए कुछ कर्मों के हिसाब से उसे जहाँ पीड़ा मिलती है तो कुछ कर्मों के हिसाब से वो बहुत बड़ी बड़ी समस्याओं से बचा लिया जाता है।
हाँ आप उसे राजनैतिक दांवपेच या पैसों की ताकत कह सकते हैं, लेकिन ये चीज़ें मिलना भी तो पिछले जन्मों के कर्मों का प्रताप ही होता है। वरना संजय दत्त तो नहीं बच पाए।
खैर तो वो किस कारण से बड़ी बड़ी परेशानियों से बच जाते हैं ये अलग मुद्दा है लेकिन वो हर बार सुरक्षित निकल आते हैं ये बहुत बड़ा सत्य है। तो ऐसी पहाड़ चढ़ने जैसी ज़िंदगी जीने वाले के साथ चलने की ताकत हर किसी में नहीं होती। एक सीमा के बाद साथ वाला फिसल ही जाता है।
सलमान इतनी सारी समस्याओं को अपनी पीठ पर लादे हुए भी लगातार चढ़ते ही जा रहे हैं। और इसे आप उनके फ़िल्मी करियर या सामाजिक नज़रिए से नापी जाने वाली सफलता से मत नापिए।
और यही सलमान इतनी सारी प्रेम कहानियों और प्रेमिकाओं के होते हुए भी एक इंटरव्यू में पिता के सामने यह बयान देते हैं कि “हां मैं अभी भी वर्जिन हूँ” तो मैं उनकी इस बात पर रत्ती भर भी शंका नहीं करती। क्योंकि जीवन में चाहे कितनी ही लड़कियां आई हों… कुछ रूहें हमेशा वर्जिन रहती हैं…
सामाजिक रूप से आपके लिए वर्जिनीटी की परिभाषा अलग हो सकती है इसलिए आप आपत्ति जताने के लिए स्वतन्त्र है लेकिन मैं जिस वर्जिनीटी की बात करती हूँ वहां भौतिक दुनिया के नियम लागू नहीं होते।
तो हम बात कर रहे थे सूरज बड़जात्या की जिन्होंने सलमान को प्रेम के रूप में बहुत सुन्दर तरीके से प्रस्तुत किया। उनकी “प्रेम” की छवि ही मुझे सलमान का वास्तविक रूप लगता है बावजूद इसके कि कई अभिनेत्रियों के साथ उनकी मारपीट की खबरें भी प्रकाश में आई हैं।
प्रेम एक वास्तविक चरित्र है जो सलमान के साथ एकाकार होता है लेकिन उसके उस प्रेम के साथ एकाकार होने वाला उसे कोई नहीं मिला इसलिए उनके बाहरी स्वरूप के साथ ही लोग जूझते रहे और अलग होते रहे… और सलमान का वास्तविक प्रेम वर्जिन रह गया।
‘मैंने प्यार किया’ से पहले भी सलमान ने बहुत सी फ़िल्में की लेकिन यह फिल्म प्रेम को प्रेम के रूप में प्रस्तुत करने में इतनी कामयाब हुई कि उसने बॉक्स ऑफिस पर सारे रिकॉर्ड तोड़ डाले और न जाने कितनों ने इससे दिल जोड़ लिए…
‘मैंने प्यार किया’ के बाद ‘हम आप के हैं कौन’ के बीच सलमान के चेहरे में ज़मीन आसमान का फर्क आ गया था लेकिन यह नया प्रेम पुराने वाले प्रेम से अधिक आकर्षक था… जिसका आकर्षण दबंग और बजरंगी भाई जान ने तोड़ा… एंग्री यंग मैन के बादलों ने सूरज के प्रेम को ढँक दिया। आशा है सूरज बड़जात्या एक बार फिर इन बादलों को हटाकर प्रेम के प्रकाश को फैलाने में सफल होंगे।
– माँ जीवन शैफाली